कुछ है घुटन सी सबर नहीं, इसे छुपाए कैसे कुछ है घुटन सी सबर नहीं, इसे छुपाए कैसे
कहीं दिन तो कहीं अंधकार कैसे होता है मैं सोचता हूं अक्सर ये संसार कैसे होता है। कहीं दिन तो कहीं अंधकार कैसे होता है मैं सोचता हूं अक्सर ये संसार कैसे होता...
तेरी लीला तू ही जाने, मुझको कुछ भी समझ न आया। तेरी लीला तू ही जाने, मुझको कुछ भी समझ न आया।
ऐसे लोगों से बचके रहना वैसे । ऐसे लोगों से बचके रहना वैसे ।
खुद को उनकी नज़रों से। खुद को उनकी नज़रों से।
माँ-बाप के अहसानों को तुम यूँ कैसे भुला सकोगे पाला है जिसने खुद जाग कर के उसको तुम माँ-बाप के अहसानों को तुम यूँ कैसे भुला सकोगे पाला है जिसने खुद जाग कर के ...